राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021:-

भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (National Panchayati Raj Day) मनाया जाता है | भारत में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 को 24 अप्रैल 1993 से लागू किया गया था | इसके लागू होते ही भारत में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत हुई थी | i). ग्राम स्तरीय पंचायत ii). प्रखंड (ब्लॉक) स्तरीय पंचायत iii). जिला स्तरीय पंचायत |

पंचायती राज का इतिहास:-

भारत एक बहुत ही विस्तृत देश है और इसे विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है | कई प्रदेशों में जनसँख्या और क्षेत्रफल अधिक होने के कारण प्रदेश के सबसे ऊंचे पद पर बैठा व्यक्ति ग्रामीण इलाकों के लोगों की समस्याओं से अवगत नहीं हो पाता था इसलिए यह तय किया गया कि देश में लोकतंत्र की जड़ों को पेड़ की जड़ों की तरह फैलाया जाये |

इस काम के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया गया था | समिति ने अपनी सिफारिस में जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की जिसे पंचायती राज कहा गया है | समिति ने 3 स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की बात कही थी |

भारत में पंचायती राज व्यवस्था 3 प्रकार की है:-

  • ग्राम स्तरीय पंचायत
  • प्रखंड (ब्लॉक)  स्तरीय पंचायत
  • जिला स्तरीय पंचायत

राजस्थान देश का पहला राज्य था जहाँ पर पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था | इस योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को किया था | इसके बाद इस योजना को 1959 में ही आंध्र प्रदेश में लागू किया गया था |

पंचायती राजदिवस मनाने का कारण:-

भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया | भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है | इस दिवस को मनाने का कारण 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 है जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था | राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (NPRD) 2010 से 24 अप्रैल को मनाया जा रहा है |

भारत में पंचायती राज व्यवस्था का विकास:-

हमारे देश में 2.54 लाख पंचायतें हैं, जिनमें 2.47 लाख ग्राम पंचायतें, 6283 ब्लॉक पंचायतें और 595 जिला पंचायतें शामिल हैं | देश में 29 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि हैं | भारत में पंचायती राज की स्थापना 24 अप्रैल 1992 से मानी जाती है |

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021

14 वें वित्त आयोग के द्वारा 2015-20 की अवधि के लिए; गांवों में भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने के लिए 5 वर्षों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक ग्राम पंचायतों को आवंटित किए जा चुके हैं |

पंचायती राजदिवस पर दिए जाने वाले अवार्ड :-

1. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार; पंचायतों के सभी तीन स्तरों के लिए सामान्य और विषयगत श्रेणियों में.

2. नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार (NDRGGSP) ग्राम पंचायतों को ग्राम सभा के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है.

3. ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) पुरस्कार: देश भर में तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया जाता है.

4. बाल सुलभ ग्राम पंचायत पुरस्कार

पंचायत की शक्तियां, अधिकार और जिम्मेदारियां:-

राज्य विधानमंडलों के पास विधायी शक्तियां हैं जिनका उपयोग कर वे पंचायतों को स्वशासन की संस्थाओं के तौर पर काम करने के लिए सक्षम बनाने हेतु उन्हें शक्तियां और अधिकार प्रदान कर सकते हैं | उन्हें आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजनाएं बनाने और उनके कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है |

कर लगाने और वित्तीय संसाधनों का अधिकार:-

एक राज्य; कानून द्वारा पंचायत को कर लगाने और उचित करों, फीस, टोल, शुल्कों आदि को जमा करने का अधिकार प्रदान कर सकता है | यह राज्य सरकार द्वारा एकत्र किए गए विभिन्न शुल्कों, करों आदि को पंचायत को आवंटित भी कर सकता है | राज्य की संचित निधि से पंचायतों को अनुदान सहायता दी जा सकती है |

“When the panchayat raj is established, public opinion will do what violence can never do.”-Mahatma Gandhi​

“The voice of the people may be said to be God’s voice, the voice of the Panchayat.” -Mahatma Gandhi

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here