Mohan Yadav CM of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के नए मुख्य मंत्री का ऐलान हो गया है मोहन यादव होंगे एमपी के नए मुख्यमंत्री, मोदी और शाह कि चौंकाने वाली नीत फिर आई सामने, एकदम नए नाम को एमपी के सीएम के रूप में किया गया पेश।

मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस सोमवार (11 नवंबर) को खत्म हो गया. उज्जैन दक्षिण से बीजेपी विधायक मोहन यादव को भोपाल में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया. ऐसे में आखिर सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वालों में से एक शिवराज सिंह चौहान की जगह मध्य प्रदेश की कमान मोहन यादव को बीजेपी ने सौंप दी

मोहन यादव (Mohan Yadav) को मध्‍यप्रदेश का नया मुख्‍यमंत्री (Madhya Pradesh New CM) नियुक्‍त किया गया है. मोहन यादव उज्‍जैन दक्षिण (Ujjain South) से विधायक हैं और वह शिवराज सरकार में मंत्री थे. मोहन यादव को आरएसएस (RSS) का बेहद करीबी माना जाता है. उनके नाम की घोषणा बेहद चौंकाने वाली है

Mohan Yadav CM of Madhya Pradesh

मोहन यादव, डॉ . मोहन
भारतीय जनता पार्टी
निर्वाचन क्षेत्र- उज्जैन दक्षिण (217)

पिता का नामश्री पूनमचंद यादव
जन्म तिथि 25 मार्च,1965
जन्म स्थानउज्‍जैन
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पत्नीश्रीमती सीमा यादव
संतान2 पुत्र,1 पुत्री
शैक्षणि क योग्यता –बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए.(राज.विज्ञान), एम.बी.ए.,
पी.एच.डी.
व्यवसायअभिभाषक, व्‍यापार, कृषि
अभिरुचि –पर्यटन, संस्‍कृति, इतिहास, विज्ञान, खेलकूद
स्थायी पता –(1)180, रविन्‍द्रनाथ टैगोर मार्ग, अब्‍दालपुरा, जिला-उज्‍जैन
(म.प्र.)पिन-456006 (2) कार्यालय – अपना चैनल भवन 1/1,
मुंज मार्ग, फ्रीगंज, जिला-उज्‍जैन (म.प्र.) दूरदूभाष-(0734)
2575050, 2575151 मोबाइल-9425092255,
9300915151 ई-मेलmohan.yadav@mpvidhansabha.nic.in ई-मेलdrmyadavujn@gmail.com
स्थानीय पता –विंध्‍य कोठी, विधायक विश्राम गृह परिसर, भोपाल
(म.प्र.)दूरदूभाष-(0755) 2430457, 2430757

सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम:

सन्1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में
अध्‍यक्ष. सन् 1984 मेंअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्‍जैन के नगर मंत्री एवं 1986
में विभाग प्रमुख. सन् 1988 मेंअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्‍यप्रदेश दे के प्रदेश दे
सहमंत्री एवं राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य और 1989-90 मेंपरिषद की प्रदेश दे इकाई
के प्रदेश दे मंत्री तथा सन्1991-92 मेंपरिषद के राष्‍ट्रीय मंत्री. सन्1993-95 मेंराष्‍ट्रीय
स्‍वयं सेवक संघ, उज्‍जैन नगर के सह खण्‍ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं
1996 मेंखण्‍ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह. सन्1997 मेंभा.ज.यु.मो. की प्रदेश दे कार्य
समिति के सदस्‍य. सन्1998 मेंपश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्‍य. सन्
1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्‍जैन संभाग प्रभारी. सन् 2000-2003 में विक्रम
विश्‍वविद्यालय उज्‍जैन की कार्यपरिषद के सदस्‍य. सन्2000-2003 मेंभा.ज.पा. के
नगर जि ला महामंत्री एवं सन्2004 मेंभा.ज.पा. की प्रदेश दे कार्यसमिति के सदस्‍य. सन्
2004 मेंसिंहस्‍थ, मध्‍यप्रदेश दे की केन्‍द्रीय समिति के सदस्‍य. सन्2004-2010 मेंउज्‍जैन
विकास प्राधिकरण के अध्‍यक्ष (राज्‍य मंत्री दर्जा). सन् 2008 सेभारत स्‍काउट एण्‍ड
गाइड के जिलाध्‍यक्ष. सन् 2011-2013 मेंमध्‍यप्रदेश दे राज्‍य पर्यटन विकास निगम,
भोपाल के अध्‍यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा). भा.ज.पा. की प्रदेश दे कार्यकारिणी के सदस्‍य. सन्
2013-2016 मेंभा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्‍कृतिक प्रकोष्‍ठ के सह-संयोजक.
उज्‍जैन के समग्र विका स हेतु हे अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा
महात्‍मा गांधी पुरस्‍कार और इस्‍कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन डे द्वारा सम्‍मानित. मध्‍यप्रदेशदे
मेंपर्यटन के निरंतर विकास हेतु हे सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 मेंराष्‍ट्रपति द्वारा
पुरस्‍कृत. सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्‍य निर्वाचित.

लोगों ने जताया भरोसा:
मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से उज्जैन संभाग में 29 सीटें आती हैं. यहां की 29 सीटों में से बीजेपी के खाते में 25 सीटें गई थी. वहीं कांग्रेस 4 सीटों पर सिमट गई थी. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि मोहन यादव को सीएम चुनने का सबसे मुख्य कारणों में से ये एक है

तीसरी बार लगातार विधायक
मोहन यादव मध्य प्रदेश की उज्जैन दक्षिण सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने उज्जैन दक्षिण सीट से हाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव को 12 हजार 941 वोटों से हराया था. चुनाव आयोग के मुताबिक मोहन यादव को 95 हजार 699 मत मिले थे तो चेतन प्रेमनारायण यादव को 82 हजार 758 वोट मिले थे.

ओबीसी समाज से आते हैं
मोहन यादव का मध्य प्रदेश का नया सीएम चुने जाने का कारण उनका अन्य पिछड़ा वर्ग OBC) से आना भी है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि राज्य में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत से अधिक है. बीजेपी 2003 के बाद से मध्य प्रदेश में सीएम पद के लिए ओबीसी नेताओं के साथ गई है|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here