दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का प्रारंभिक जीवन:-

दिग्विजय सिंह का जन्म 28 फरवरी, 1947 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था | उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा इंदौर के जानी-मानी स्कूल Daly College Indore से पूरी की | उन्होंने अपनी स्नातक की पढाई श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान (SGSTI), इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (BE) में पूरी की |

उन्होंने जहाँ हॉकी, क्रिकेट और फुटबॉल में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया वहीँ क्रिकेट हॉकी, टेनिस और स्क्वैश में इंदौर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया | वे MP स्कूल और सेंट्रल जोन क्रिकेट टीम के लिए भी खेल चुके हैं | वे राष्ट्रीय स्तर पर junior level पर Squash खेल चुके हैं |

इनका विवाह आशा दिग्विजय सिंह के साथ हुआ | इनकी 5 संताने हैं जिसमें 1 बेटा और 4 बेटियां शामिल हैं | कैंसर से 28 फरवरी, 2013 को उनकी पत्नी आशा दिग्विजय सिंह का निधन हो गया |

राजनीति में आने से पहले दिग्विजय का जीवन:-

  • राजनीति में आने से पहले वे हॉकी, क्रिकेट और फुटबॉल में अपने स्कूल और कॉलेज का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं |
  • क्षेत्रीय स्तर पर क्रिकेट खेला है |
  • राष्ट्रीय स्तर पर Squash खेला है |
  • एक wildlife photographer थे |

दिग्विजय सिंह का राजनीतिक दौर:-

  • वर्ष 1969 में गुना जिले के राघवगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष बने |
  • वर्ष 1977 में गुना जिले के राघवगढ़ से संसद सदस्य चुने गए|
  • वर्ष 1980 में एक बार फिर गुना जिले के राघवगढ़ से संसद सदस्य चुने गए|
  • वर्ष 1980 कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, सिंचाई और कमांड क्षेत्र विकास के प्रबंधन के लिए कैबिनेट मंत्री बनाए गए |
  • वर्ष 1984 में राजगढ़ से संसद सदस्य चुने गए|
  • वर्ष 1985 में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए|
  • वर्ष 1991 में एक बार फिर राजगढ़ से संसद सदस्य चुने गए|
  • वर्ष 1992 में पुनः उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया |
  • वर्ष 1993 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए |
  • वर्ष 1998 में लोगों ने पुनः इन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुना |
  • वर्ष 2013 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बनाए गए|
  • वर्ष 2014 के आम चुनावों के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली समिति के सदस्य बने |

दिग्विजय सिंह की उपलब्धियां:-

  • इन्हीं के द्वारा गांवों के गरीबों को मजबूत बनाने के लिए सत्ता के विकेंद्रीकरण की अवधारणा को अभ्यास में लाया गया | इसके लिए 52,000 ग्राम सभा स्थापित की गई | ग्राम सभा की विभिन्न गतिविधियों को संभालने के लिए 8 स्थायी समितियां बनाई गईं | सत्ता के विकेन्द्रीकरण की अवधारणा को निष्पादित करने के लिए विश्व स्तर पर उनकी और उनके काम की सराहना हुई |
    ब्रिटिश उच्चायुक्त सर रॉब यंग ने टिप्पणी की थी, “मैं मध्य प्रदेश सरकार केपंचायती राज और राजीव गांधी मिशन जैसे कामों से काफी प्रभावित हूं | सत्ता के विकेंद्रीकरण और सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से सरकार द्वारा चालाए जा रहे कार्यों पर अपनी प्रतिक्रिया दी जा सकती है | इस परिवर्तन का श्रेय मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जाता है |”
  • उनके शासनकाल में मध्य प्रदेश में 26,000 से अधिक प्राथमिक विद्यालय स्थापित किए गए | प्रत्येक गांव में एक किमी में एक प्राथमिक विद्यालय स्थापित किया गया था, जबकि पहले प्रत्येक गांव में तीन किमी में एक माध्यमिक विद्यालय स्थापित किया गया था | राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार, दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश की साक्षरता दर में 20.11% की वृद्धि हुई थी | महिला साक्षरता के मामले में, मध्य प्रदेश की विकास दर 21% दर्ज की गई जबकि राष्ट्रीय औसत विकास दर 14% थी |
  • वर्ष 1988-1989 में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 16 प्रतिशत था जो वर्ष 2002-03 में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 2.92 तक घट गया |

दिग्विजय सिंह जिन विवादों से जुड़े:-

  • 2004 भूमि घोटाला: लोक अयक्ता, मध्य प्रदेश की विशेष पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा दिग्विजय सिंह के भूमि घोटाले में शामिल होने के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी | उन पर Prevention of Corruption Act के साथ-साथ आपराधिक षड्यंत्र के तहत आरोप लगाए गए थे |
  • बाटला हाउस एनकाउंटर मामला: वर्ष 2011 में, दिग्विजय सिंह ने सुझाव दिया कि बाटला हाउस एनकाउंटर मामला (Batla House encounter case) नकली था | हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने उनकी राय खारिज कर दी थी | वर्ष 2013 में, अदालत ने यह भी घोषित किया कि encounter का staged नहीं हुआ था | हालांकि, दिग्विजय सिंह अदालत के इस निर्णय को मानने से इनकार करते हैं |
  • दिग्विजय सिंह एक और विवाद में तब फसे जब उन्होंने RSS की तुलना नाज़ियों से कर दी | उनका मानना ​​है कि RSS, मुस्लिमों को उसी तरह लक्षित कर रही है जैसे 1930 के दशक में यहूदियों को नष्ट करने के उद्देश्य से नाज़ियों ने लक्षित किया था |
  • सुनील जोशी हत्याकांड: सुनील जोशी एक RSS कार्यकर्ता थे जिन्होंने अजमेर दरगाह हमले में अपनी जान गवाई थी | उनका मृत शरीर 29 दिसंबर, 2007 को, देवास, मध्य प्रदेश में पाया गया था | दिग्विजय सिंह चाहते थे कि जोशी की हत्या की जांच CBI करे | उनका कहना था कि जोशी की हत्या इसलिए कर दी गई थी क्योंकि “वह बहुत कुछ जानता था” |

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