Kartik Purnima 2021 कब है?

हर महीने की शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा होती है | इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है इसलिए इसे पूर्णिमा कहा जाता है | इस बार कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 19 नवंबर 2021, शुक्रवार के दिन पड़ रही है | कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है | इतना ही नहीं, इस दिन स्नान और दान आदि का विशेष महत्व है | पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है | इस दिन चंद्रमा के साथ-साथ भगवान विष्णु जी की पूजा भी की जाती है |

कार्तिक माह के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि होती है, जिसे कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है | इस साल 19 नवंबर के दिन कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है | 20 नवंबर से मार्गशीर्ष का महीना शुरु हो जाएगा | कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा (Tripurari Purnima 2021) के नाम से भी जाना जाता है | इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था | इसी खुशी में देवताओं मे दीप जलाकर खुशियां मनाई थी | इसे देव दिवाली के रूप में जाना जाता है | इतना ही नहीं, इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान आदि से पुण्य की प्राप्ति होती है | वहीं, आज के दिन श्री हरि का पूजन आदि से सौभाग्य प्राप्त होता है |

कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त- Kartik Purnima 2021 कब है?

कार्तिक पूर्णिमा तिथि आरंभ- 18 नवंबर 2021दोपहर 12:00 बजे से
कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर 2021 दोपहर 02:26 पर
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय- 17:28:24

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व:-

सभी पूर्णिमा में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है | इस दिन स्नान और दीपदान करना शुभ और पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है | यही कारण है कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में बड़ी संख्या में लोग स्नान और दान आदि का कार्य करते है | इस दिन पूजा, हवन, जाप और तप का भी विशेष महत्व है |

कार्तिक पूर्णिमा पूजन विधि:-

कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है | इसलिए आज के दिन किसी नही, सरोवर या धर्म स्थान पर दीपदान अवश्य करना चाहिए | कहते हैं कि इस दिन किसी पवित्र स्नान पर ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें या फिर घर में ही गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए | वहीं इस दिन व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु के समक्ष शुद्ध देसी घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए | श्री हरि को तिलक करके धूप, दीप, फल, फूल, और नैवेद्य से पूजा आदि करें | शाम के समय फिर से भगवान विष्णु का पूजन करें | भगवान को देसी घी में भूनकर आटे का सूखा कसार और पंचामृता का भोग लगाएं | इसमें तुलसी पक्ष जरूर शामिल करें | इसके बाद विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी का भी पूजन और आरती करें | रात के समय चंद्रमा निकलने के बाद अर्घ्य दें और फिर व्रत का पारण करें |

कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये काम:-

  • पूर्णिमा स्न्नान का महत्व शास्त्रों में वर्णित है | इसलिए इस दिन किसी पवित्र नदी में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए और उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए |
  • पूर्णिमा तिथि को दान का विशेष महत्व होता है | इस दिन हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए | मान्यता है कि इस दिन चावल का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है |
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का विशेष महत्व होता है | मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं |
  • कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए | इसके साथ ही विष्णु भगवान के शालीग्राम अवतार की पूजा करनी चाहिए | मान्यता है ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है |
  • कार्तिक पूर्णिमा पर घर के द्वार पर आम के पत्तों और फूलों से तोरण बनाएं | इस दिन सत्यनारायण कथा सुननी चाहिए | मान्यता है ऐसा करने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं |

पूर्णिमा तिथि पर न करें ये काम:-

  • इस दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए |
  • मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए |
  • किसी का अपमान नहीं करना चाहिए |

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