झारखण्ड आजीविका संवर्धन हुनर अभियान 2020:-
झारखण्ड राज्य सरकार ने ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण को लेकर आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (ASHA) शुरू कर दिया है | इसके साथ ही फूलो झानो आशीर्वाद अभियान (Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan) का शुभारंभ और पलाश ब्रांड (Palash Brand) का अनावरण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 29 सितम्बर 2020 को किया गया है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है |
झारखंड आजीविका संवर्धन हुनर अभियान झारखंड की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आरंभ किया गया है | इस अभियान के माध्यम से झारखंड की महिलाओं को कृषि आधारित आजीविका, पशुपालन, वनोपज संग्रहण, उद्यमिता समेत स्थानीय संसाधनों से जुड़े स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे | झारखंड आजीविका संवर्धन हुनर अभियान के माध्यम से राज्य की 17 लाख ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा जाएगा |
ASHA योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के अवसर:-
ASHA योजना के अंतर्गत स्थानीय संसाधनों से जुड़े स्वरोजगार के अवसर भी ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध कराये जायेंगे जो नीचे दिए गए हैं:-
- कृषि आधारित आजीविका
- पशुपालन
- वनोपज संग्रहण
- वनोपज प्रसंस्करण
- उद्यमिता
झारखण्ड के मिशन सक्षम के डेटाबेस में दर्ज करीब करीब 4.71 लाख प्रवासियों में से लगभग 3.6 लाख प्रवासियों के परिवार को आशा के तहत फायदा होगा | ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड परियोजना द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं के तहत करीब 1200 करोड़ की राशि का प्रावधान भी किया गया है |
अब सड़क किनारे हड़िया-शराब नहीं बेचेगी महिलाएं:-
झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में अब कोई भी महिला सड़क पर हड़िया-दारु बेचती नहीं दिखेगी | कोई भी महिला हड़िया-दारु बनाने और बेचने का कार्य मजबूरी में ही करती है | हड़िया-दारु बनाने और बेचने वाली महिलाओं को अब आजीविका से जोड़कर तथा हर संभव मदद कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम सरकार करेगी |
ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के साधन:-
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान से महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा | मुख्यमंत्री ने बताया की समाज में हड़िया-दारु एक अभिशाप है जो समाज को कैंसर की तरह जकड़ रहा है | राज्य के अलग अलग शहरों में महिलाओं ने अब हड़िया-दारु के उत्पादन का विरोध भी किया है | शराब बेचकर परिवार चलाने के लिए अब महिलाएं मजबूर न हो इसलिए 29 सितम्बर के 2020 को आजीविका संवर्धन हुनर अभियान, फूलो झानो आशीर्वाद अभियान और पलाश ब्रांड का शुभारंभ किया गया है |
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान झारखंड बजट:-
झारखंड सरकार द्वारा Jharkhand Aajivika Samvardhan Hunar Abhiyan के अंतर्गत 600 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है और मुख्यमंत्री जी ने स्वयं दुमका के मंडलों के बीच 150 करोड़ रुपए बांटे हैं | इस योजना का संचालन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि झारखंड सरकार रोजगार देने में पूरी तरह से सक्षम है | प्रतिदिन 650000 लोगों को रोजगार दिया जाता है |
झारखंड आजीविका संवर्धन हुनर अभियान का उद्देश्य:-
ASHA Yojana का मुख्य उद्देश्य हड़िया दारु बेचने वाली महिलाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है | इस अभियान की वजह से अब झारखंड की महिलाओं को अपना घर चलाने के लिए हड़िया दारु बेचने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी | इस योजना के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा तथा उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा |
आजीविका संवर्धन हुनर योजना के लाभ तथा विशेषताएं:-
- Aajivika Samvardhan Hunar Abhiyan झारखंड की हड़िया दारू बेचने वाली महिलाओं के लिए आरंभ की गई है | इस योजना के माध्यम से हड़िया दारु बेचने वाली महिलाओं को रोजगार तथा स्व रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे |
- इस योजना के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा |
- ASHA से झारखंड की महिलाओं को कृष आधारित आजीविका, पशुपालन, वनोपज संग्रहण, उद्यमिता समेत स्थानीय संसाधनों से जुड़े स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे |
- इस योजना के माध्यम से लगभग 17 लाख ग्रामीण परिवारों को जोड़ा जाएगा |
- अब झारखंड की महिलाओं का अपने घर का खर्च चलाने के लिए हड़िया दारु बेचने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी |
- झारखंड आजीविका संवर्धन हुनर योजना के माध्यम से झारखंड की महिलाओं को रोजगार तथा स्व रोजगार के अवसर मिलेंगे |
- इस योजना का बजट सरकार द्वारा 600 करोड़ रुपए का निर्धारित किया गया है।
- झारखंड आजीविका संवर्धन हुनर योजना का संचालन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।
ASHA की पात्रता तथा आवश्यक दस्तावेज:-
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को झारखंड का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ