राजस्थान इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार योजना 2022:
राजस्थान इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार योजना- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी जारी कर दी है | ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रोजगार (urban employment scheme) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई योजना की घोषणा मुख्यमंत्री गहलोत ने साल 2022-23 के बजट में की थी |
सरकार के मुताबिक इस योजना के जरिए शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा जिसके लिए राज्य सरकार हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी |
सरकार की ओर से जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रस्तावित योजना में स्थानीय निकाय क्षेत्र में रह रहे 18 साल से 60 साल की उम्र वाले लोगों का जन आधार कार्ड से पंजीयन किया जाएगा | वहीं योजना में तय किए गए काम करवाने के लिए राज्य/जिला/निकाय स्तर पर कमेटियां बनाई गई है |
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मनरेगा मजदूरों को 15 दिन में मिलेगा पैसा:-
सीएम गहलोत ने कहा कि सामान्य कार्य स्वीकृत और निष्पादित कराने की सामग्री लागत और पारिश्रमिक लागत का अनुपात 25:75 होगा | वहीं विशेष प्रकृति के कार्यों के लिए सामग्री लागत और पारिश्रमिक भुगतान का अनुपात 75:25 होगा |
अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि मनरेगा के तहत 15 दिनों के अंदर मजदूरों के बैंक खातों में कार्यों का भुगतान कर दिया जाएगा | गहलोत ने कहा कि इसके अलावा योजना में शिकायतों के निवारण एवं सोशल ऑडिटिंग के प्रावधान के साथ-साथ श्रमिकों को कार्यस्थल पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी |
18 से 60 साल की उम्र वालों को मिलेगा काम:-
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार का कहना है कि योजना के जरिए अधिक से अधिक नौकरियां प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित जाएगा जिसमें सामान्य प्रकृति के कार्य अकुशल श्रमिक करेंगे | वहीं 18 से 60 साल की उम्र के सभी और शहरी निकाय सीमा के भीतर रहने वाले योजना के लिए पात्र हैं |
वहीं विशेष परिस्थितियों जैसे कि महामारी या आपदा में, प्रवासी मजदूरों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है | योजना के मुताबिक 15 दिनों के अंदर मजदूरों के बैंक खातों में भुगतान करना होगा, इसके साथ ही मजदूरों को कार्यस्थल पर सुविधा देने के साथ ही शिकायतों के निवारण और सोशल ऑडिटिंग का भी प्रावधान रखा गया है |
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राजस्थान इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार योजना के जरिए कौन से काम मिलेंगे:-
सरकार ने योजना में मुख्य रूप से, काम को आठ भागों में विभाजित किया है | जो की इस प्रकार हैं:
- पहला पर्यावरण संरक्षण है जैसे सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण, पार्कों का रखरखाव, फुटपाथ और डिवाइडर पर पौधों को पानी देना, शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी), वन, बागवानी और कृषि विभागों के तहत नर्सरी तैयार करना |
- दूसरा जल संरक्षण है, जहां कोई व्यक्ति स्वच्छता में सुधार और तालाबों, झीलों, बावड़ियों आदि के सुधार के लिए कार्य कर सकता है और वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, मरम्मत और सफाई होगी |
- वहीं तीसरी श्रेणी में सफाई और स्वच्छता संबंधी काम हैं जिनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, श्रम कार्य, जिसमें घर-घर कचरा संग्रहण, डंपिंग स्थलों पर कचरे को अलग करना, सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों की सफाई और रखरखाव, नाले/नाली की सफाई के साथ-साथ कचरे को हटाने से संबंधित काम शामिल हैं |
- योजना में चौथी श्रेणी में अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ अवैध बोर्ड/होर्डिंग/बैनर आदि को हटाने के लिए श्रम कार्य और डिवाइडर, रेलिंग, दीवारों और अन्य सार्वजनिक रूप से दिखाई देने वाले स्थानों की पेंटिंग करना शामिल हैं |
- वहीं पांचवीं श्रेणी में योजना के तहत लोगों को अन्य केंद्र या राज्य स्तर की योजनाओं में लगाया जा सकता है जिनमें काम पहले से चल रहा हो बस वहां श्रम कार्य की आवश्यकता होगी |
- इसके अलावा छठी श्रेणी में गौशालाओं में श्रम कार्य और नागरिक निकायों के कार्यालयों में रिकॉर्ड कीपिंग जैसे काम शामिल हैं |
- वहीं सातवीं श्रेणी में विरासत संरक्षण से संबंधित काम हैं जिसमें धरोहरों की सुरक्षा/बाड़ लगाना/चारदीवारी/शहरी निकायों और सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा से संबंधित काम, शहरी निकाय की सीमा के भीतर पार्किंग स्थलों का विकास और प्रबंधन और आवारा पशुओं को पकड़ना और उनका प्रबंधन करना आदि शामिल हैं | गौरतलब है कि इन सभी श्रेणियों के अलावा, सरकार नए काम भी योजना में जोड़ सकती है |
FAQs:-
राजस्थान इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार योजना क्या है?
गहलोत सरकार ने राज्य के बजट 2022-23 में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिनों के लिए रोजगार देने की घोषणा की थी | इस महत्वाकांक्षी योजना पर राज्य सरकार हर साल 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी |
राजस्थान इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार योजना के तहत प्रति वर्ष कितने दिनों के लिए रोजगार देने की घोषणा की गई है?
100 दिन