छत्तीसगढ़ रोका-छेका अभियान:

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी गांवों में रोका-छेका अभियान (Roka-Chheka Abhiyan) की शुरुआत कर दी है | छत्तीसगढ़ रोका छेका अभियान (Chhattisgarh Roka-Chheka Abhiyan) में, सरकार पारंपरिक कृषि विधियों को पुनर्जीवित करने और आवारा पशुओं द्वारा खुली चराई से खरीफ फसलों को बचाने का प्रयास करेगी | रोका-छेका अभियान का उद्देश्य गायों के गोबर को एकत्र करके जैविक खाद का उपयोग करना है | रोका-छेका छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय पारंपरिक कृषि विधियों में से एक है |

राज्य सरकार ने इस पद्धति को चालू वर्ष से अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है | छत्तीसगढ़ रोका छेका अभियान (Chhattisgarh Roka-Chheka Abhiyan) का उद्देश्य बुवाई के मौसम के बाद, आवारा पशुओं के खुले चराई पर प्रतिबंध लगाना है | छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार ने सभी सरपंचों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि जब खुले में चरने पर प्रतिबंध हो तो उनके मवेशी गौशाला में रहें |

इस परपंरा में अहम भूमिका कोटवार, पटेल, सरपंच और यादवों की रहती है | इस दौरान ये लोग आपस में बैठकर खेतों में मवेशियों के रोकने की चर्चा करते हैं | गांव के किसान गांव के प्रत्येक घर के हल के हिसाब से मवेशी का आकलन करते थे और खेतों में मवेशियों के जाने पर जुर्माना लगाते हैं | इस बार इस योजना के तहत शहरों को भी जोड़ा गया है | छत्तीसगढ़ में ऐसी मान्यता है कि इस परंपरा के तहत एक ओर जहां किसानों के फसल को नुकसान होने से बचाया जाता है, वहीं मवेशी भी सुरक्षित रहते हैं और दुर्घटना की आशंका भी कम हो जाती है |

छत्तीसगढ़ रोका-छेका अभियान

छत्तीसगढ़ रोका छेका अभियान क्या है:-

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए ‘रोका छेका अभियान/योजना 2020’ शुरू किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खुले कृषि क्षेत्र में कोई मवेशी चरने न जाए | छत्तीसगढ़ सरकार को यह ज्ञात है कि राज्यों के कई गांवों में गौशाला नहीं है और खरीफ फसलों को बचाने के लिए पशुपालकों को चारे पर प्रतिबंध के कारण बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है |

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार मवेशी मालिकों को बचाने के लिए आई है और Suraaji Gaon Yojana के तहत राज्य भर में 5,000 गौशालाओं का निर्माण कर रही है | राज्य सरकार पहले ही 2,200 गौशालाओं का निर्माण कर चुकी है और अन्य 2,800 गौशालाओं के लिए कार्य प्रगति पर है |

एक आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है जिसमें कहा गया है कि यदि कोई मवेशी किसी भी नागरिक क्षेत्र में घूमता पाया जाता है, तो नगरपालिका आयुक्त / मुख्य नगरपालिका अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा | छत्तीसगढ़ रोका-छेका अभियान गायों के गोबर को इकट्ठा करके जैविक खाद का उपयोग करना भी सुनिश्चित करेगा |

छत्तीसगढ़ सरकार गौशालाओं के निर्माण से रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है | इस कार्यक्रम में महिला स्व-सहायता समूहों (SHG) को शामिल किया गया है | स्व-सहायता समूहों (SHG) के सदस्य गोबर का उपयोग करके सामान और कलाकृतियां बनाएंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा | नए उत्पादों में दीया (या दीपक), गाय के गोबर का उपयोग करके महिलाओं के SHG द्वारा बनाई गई अगरबत्ती शामिल हैं |

छत्तीसगढ़ रोका छेका अभियान की विशेषताएं:-

  • एसएचजी के सदस्य गोबर का उपयोग करके सामान और कलाकृतियां बनाएंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा |
  • नए उत्पादों में दीया (या दीपक), गाय के गोबर का उपयोग करके महिलाओं के एसएचजी द्वारा बनाई गई अगरबत्ती शामिल हैं |
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 में दिल्ली में दिवाली के मौसम के दौरान गोबर से बने उत्पादों को अच्छी तरह से प्राप्त किया गया और तेज कारोबार किया गया |
  • राज्य सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत लगभग 25 लाख ग्रामीणों के लिए रोजगार भी पैदा किया है |
  • कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी प्रेरित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन प्रतिबंधों के बीच इस उपलब्धि को पूरा किया गया है |

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