Buddha’s Birthday (बुद्ध पूर्णिमा):

पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है | इस बार की वैशाख पूर्णिमा बेहद महत्वपूर्ण होने जा रही है | बता दें कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का प्राकट्य हुआ था तो इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है |

इस बार बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है | इस दिन मां लक्ष्मी, नारायण और चंद्र देव की पूजा की जाती है| इस दिन किए गए दान का भी विशेष महत्व होता है |

बुद्ध का जन्मदिन या “बुद्ध दिवस” ​​​​एक बौद्ध त्योहार है जो कि पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया के अधिकांश हिस्सों में राजकुमार सिद्धार्थ गौतम, बाद में गौतम बुद्ध, जो बौद्ध धर्म के संस्थापक थे, के जन्म की याद में मनाया जाता है |

Buddha Purnima 2023 :-

बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता है, जो 5 मई, 2023 को मनाई जाएगी, जो इस साल के पहले चंद्र ग्रहण के साथ मेल खाती है | बौद्ध त्योहार भगवान बुद्ध के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है | इस साल गौतम बुद्ध की 2585 वीं जयंती है | यह त्योहार ज्यादातर एशिया में राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के जन्म की याद में मनाया जाता है, जिन्हें बाद में गौतम बुद्ध के नाम से जाना गया |

हालांकि बुद्ध के जन्म और मृत्यु की सटीक तिथि ज्ञात नहीं है, इतिहासकारों ने समय अवधि 563-483 ईसा पूर्व के रूप में पहचानी है | इस उत्सव की तिथि एशियाई चंद्र-सौर कैलेंडर पर निर्भर करती है लेकिन आमतौर पर अप्रैल या मई में पड़ती है |

यह दिन सभी बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक सांस्कृतिक महत्व रखता है | दक्षिण पूर्व एशिया में, बुद्ध पूर्णिमा को वेसाक के रूप में मनाया जाता है, बुद्ध के ज्ञान और मृत्यु का जश्न मनाने का दिन |

Buddha Purnima 2023: बुद्ध पूर्णिमा इस दिन है, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि:

5 मई 2023 को वैशाख पूर्णिमा है, इसे बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध जयंती भी कहते है| पुराणों में बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार बताया गया है, यही कारण है कि हिंदुओं के लिए भी ये दिन बहुत पवित्र माना जाता है|

संयोग से इस बार बुद्ध पूर्णिमा को साल का पहला चन्द्र ग्रहण भी लग रहा है. इससे इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है| बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है |

बुद्ध पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Buddha Purnima 2023 Muhurat):

हिंदू पंचांग की मानें तो वैसाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 4 मई दिन गुरुवार को रात 11:44 से प्रारंभ होगी और दूसरे दिन 5 मई शुक्रवार रात 11:30 पर समाप्त हो जाएगी | उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा 5 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी |

इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है | इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा और भगवान गौतम बुद्ध की पूजा का विधान है | इस दिन भगवान गौतम बुद्ध की 2585वाँ जयन्ती मनाई जाएगी | पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, भगवान चंद्रदेव और मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है |

  • सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – सुबह 07:18 – सुबह 08:58
  • चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय – शाम 06.45
  • लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त – 05 मई 2023, रात 11:56 – 06 मई 2023, प्रात: 12:39
  • कूर्म जयंती पूजा मुहूर्त – शाम 04.18 – शाम 06.59
  • लाभ (उन्नति) मुहूर्त – सुबह 07.18 – सुबह 08.58
  • शुभ (उत्तम) मुहूर्त – दोपहर 12.18 – दोपहर 01.58

बुद्ध पूर्णिमा महत्व (Buddha Purnima Significance):

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद खास और शुभ माना जाता है | मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन ही माता लक्ष्मी समुद्र मंथन से बाहर निकली थी | वैसाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है |

इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था | स्कंद पुराण की मानें तो महात्मा बुद्ध भगवान विष्णु के नवे अवतार माने जाते हैं | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है |

माना जाता है कि इस दिन किया गया दान और स्नान पुण्य लाभ देता है | पौराणिक कथाओं में बताया गया है, कि भगवान कृष्ण के परम मित्र सुदामा जब द्वारका में भगवान कृष्ण मिलने आए थे, तब उन्हें भगवान कृष्ण ने पूर्णिमा के व्रत का महत्व बताया था |

वैशाख पूर्णिमा भगवान बुद्ध के जीवन की तीन अहम चीजों से जुड़ी है – गौतम बुद्ध का जन्म, भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति और बुद्ध का निर्वाण के कारण भी विशेष तिथि मानी जाती है | मान्यता है की इसी वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था | ऐसे में बुद्ध पूर्णिमा के दिन पूरी दुनिया के बौद्ध मठों में भगवान बुद्ध के उपदेश सुने जाते हैं |

बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि (Buddha Purnima Puja vidhi):

बुद्ध पूर्णिमा के दिन बिहार के बोधगया में बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है, वास्तव में यह एक पीपल का पेड़ है | इस दिन इसकी जड़ों में दूध और इत्र डाला जाता है और दीपक जलाए जाते हैं |

वहीं कई लोग अपने-अपने क्षेत्र में पीपल की पूजा करते हैं | बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर में भगवान सत्यनारायण की कथा के बाद पांच या सात ब्राह्मणों को मीठे तिल दान करने चाहिए. ऐसा करने से पापों का नाश होता है |

बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं:

 बुद्धं शरणं गच्छामि। धम्मं शरणं गच्छामि।

संघं शरणं गच्छामि। बुद्धं शरणं गच्छामि।

बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं !

शांति और अहिंसा के दूत भगवान बुद्ध को नमन !

बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं !

सच का साथ देते रहो

अच्छा सोचो अच्छा कहो

प्रेम धारा बनकर बहो

बुद्ध पूर्णिमा शुभ की बधाई !

बुद्ध के ध्यान में मगन हैं

सबके दिल में शांति का वास है 

तभी तो ये बुद्ध पूर्णिमा सबके लिए इतनी ख़ास है

बुद्ध पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं !


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