Booster Dose या Precaution Dose
कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते खतरे को देखते हुए बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज (Booster Dose या Precaution Dose ) दिया जाएगा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 25 दिसंबर 2021 को देश को संबोधित करते हुए 15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत की घोषणा के साथ ही ऐलान किया कि बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगाया जाएगा | पीएम मोदी ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे बुजुर्ग एहतियाती खुराक यानी बूस्टर डोज ले सकते हैं, जो दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं |
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार रात देश के नाम संबोधन में कहा कि सरकार ने 60 साल से ऊपर के लोगों या गंभीर बीमारों के लिए बूस्टर डोज लगाने का फैसला किया है | ऐसे लोग अपने डॉक्टरों की सलाह पर 10 जनवरी से ये डोज लगवा सकेंगे | 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक की उम्र वाले बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन देने की घोषणा PM मोदी ने की थी |
Vaccine Booster Dose है या फिर Precaution Dose है?
बहौत सारे लोगों को समझ नहीं आ रहा है की ये Booster Dose है या फिर Precaution Dose है। तो हम आपको बता दें की प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसे Precaution Dose का नाम दिया है। जिसे की आप निचे वीडियो में सुन सकते हैं।
CoWIN संचालन के प्रमुख और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि 60 साल से अधिक लोगों को बूस्टर डोज के लिए को-मॉर्बिडिटी सर्टीफिकेट (co-morbidity certificate) दिखाना होगा | उन्होंने बताया कि टीकाकरण की बाकी प्रक्रिया पहले जैसे ही रहेगी उसमें कुछ बदलाव नहीं होगा | वहीं ज्यादा जानकारी के लिए कोविन-ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है | डॉक्टर ने आगे कहा कि, जिन 60 वर्षीय लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं वो को-मॉरबिडिटी सर्टीफिकेट ले जाकर तीसरी डोज यानी कि बूस्टर डोज लगवा सकते हैं |
22 बीमारियां शामिल हैं कॉमोर्बिटिज लिस्ट में:-
कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट की डिटेल सरकार पहले ही वैक्सीनेशन कैंपेन के दौरान जारी कर चुकी है | ये डिटेल बुजुर्गों के साथ ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 से 60+ उम्र वाले लोगों का वैक्सीनेशन शुरू करने के दौरान जारी की गई थी | वहीं फॉर्मूला इस समय भी कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट पर लागू माना जाएगा | उन्होंने बताया कि सरकार की कॉमोर्बिटिज लिस्ट में 22 बीमारियां शामिल हैं |
इस तरह की बीमारियां हैं लिस्ट में:-
- डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस
- कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
- स्टेमसेल ट्रांसप्लांट
- कैंसर
- सिरोसिस
- सिकल सेल डिजीज
- प्रोलॉन्गड यूज ऑफ स्टेरॉयडस
- इम्यूनोसप्रैसेंट ड्रग्स
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
- रेसपिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक
- हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग
- मूकबधिर-अंधापन जैसी मल्टीपल डिसएबेलिटिज
- गंभीर रेसपिरेटरी डिजीज से दो साल अस्पताल में रहें हों |