साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर:-

साध्वी प्रज्ञा भारतीय राजनेता और हिन्दू राष्ट्रवादी हैं | उन्हें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और दीदी के नाम से भी जाना जाता है | वर्तमान में वे अपने विवादित बयानों की वजह से मीडिया सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं | देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 17वीं लोकसभा के लिए भोपाल से टिकट दी है | वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी |

जुडी संक्षिप्त जानकारी :-

वास्तविक नामप्रज्ञा सिंह ठाकुर
उपनामदीदी
व्यवसायभारतीय राजनीति और हिन्दू राष्ट्रवाद
प्रसिद्धिहिन्दू कट्टरपंथी और वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के सामने हैं
जन्मतिथि1971
आयु48 वर्ष
जन्मस्थानभिंड, मध्यप्रदेश
ऊंचाई (लगभग)5’5″
बजन (लगभग)70 kg
राजनीतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी (BJP)
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
रूचिReading, Bike Riding, Travelling
जातिठाकुर
धर्म हिन्दू
राष्ट्रीयताभारतीय

साध्वी प्रज्ञा सिंह का संक्षिप्त जीवन:-

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का जन्म एक वर्ष 1971 में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था | वे मध्यप्रदेश के भिंड जिले के कुशवाहा (मौर्य) परिवार से सम्बन्ध रखती हैं | उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव लहर से ही प्राप्त की थी | उनके पिता C.P. Thakur कृषि विभाग में “प्रदर्शक” के पद पर पदस्थ सरकारी कर्मचारी थे | इसके अलावा उनके पिताजी RSS के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर भी थे | साथ ही वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सक्रिय प्रतिनिधि भी रहे हैं |

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर

उन्होंने भिंड के कॉलेज से में स्नातक की डिग्री प्राप्त की | कॉलेज के दौरान साध्वी प्रज्ञा एक कुचल संचालक थी | वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS), अखिल भारतीय विद्या परिषद (ABVP) के छात्र संघ में शामिल हुई | वे विश्व हिन्दू परिषद (Vishva Hindu Parishad) की महिला संघ दुर्गा वाहिनी से भी जुडी |

इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2002 में “जय वन्दे मातरम् जन कल्याण समिति” का निर्माण किया था | इसके पश्चात वे स्वामी अवधिषण गिरी के संपर्क में आईं | इन्होने वर्ष 2008 में “राष्ट्रीय जागरण मंच” का निर्माण किया | मालेगांव बम ब्लास्ट के मामले में इन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था | बाद में इन्हें स्वस्थ्य कारणों से बेल पर रिहा कर दिया गया |

परिवार:-

साध्वी प्रज्ञा का जन्म एक वर्ष 1971 में मध्यप्रदेश के भिंड जिले में हुआ था | उनके पिता C.P. Thakur व्यावसायिक तौर पर आयुर्वेदिक डॉक्टर थे | साथ ही उनके पिता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रतिनिधि भी थे | उनके माँ का नाम सारा देवी था | उनका एक भाई और तीन बहनें हैं | उनका परिवार हिन्दुवाद पर भरोसा करता है और भारतीय राष्ट्रीयता को धारण करता है | वे अविवाहित हैं और किसी के साथ रिश्ते में नहीं बंधी हैं |




साध्वी प्रज्ञा सिंह का राजनीतिक जीवन:-

साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्यप्रदेश के भिंड जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था | उन्होंने भिंड से ही अपनी प्रारभिक शिक्षा फिर स्नातक की डिग्री और फिर इतिहास में M.A. की डिग्री प्राप्त की | वे अपने पिताजी से प्रभावित होकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) में शामिल हुई और RSS की छात्र संघ ABVP की सक्रिय सदस्य बनी | उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद (Vishva Hindu Parishad) की महिला संघ दुर्गा वाहिनी के लिए भी काम किया |

उन्हें उनके उत्तेजक भाषण (Provocative speech) और भाजपा की स्टार प्रचारक (Star Campaigner) के रूप में भी जाना जाता है | इसके अलावा उन्हें 17वीं लोकसभा के लिए भोपाल से टिकट दी गई है | वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी |

साध्वी प्रज्ञा सिंह से जुड़े विवाद:-

  • वर्ष 2006 में मस्जिद के पास हुए मालेगांव बम ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा मुख्य आरोपी थी | इस बम ब्लास्ट में गुजरात और महाराष्ट्र राज्य में 2 बम विस्फोट हुए थे | इस बम ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे | इस मामले में उन्हें 9 वर्षों की सजा हुई थी | बाद में उन्हें वर्ष 2017 में बरी कर दिया गया था |
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
  • वर्ष 2007 में BJP MLA सुनील जोशी हत्या मामले में भी अभियुक्त पाया गया | सुनील जोशी ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया था पर उन्होंने ठुकरा दिया | सुनील जोशी हत्या मामले में उनके साथ 7 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था |बाद में उन्हें 2007 में रिहा कर दिया गया था |
  • वर्ष 2018 में वह पुनः एक विवादित बयान में फस गईं | भाषण के दौरान उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को “इटली वाली बाई” कह कर सम्बोधित किया था | अपने उत्तेजित बयानों के कारण वे हमेशा मीडिया सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं |
  • 19 अप्रैल 2019 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बयान की वजह से वे पुनः एक विवाद में फस गई | उन्होंने कहा जब उन्हें मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने के हीरो हेमंत करकरे को मुझे छोड़ने को कहा था क्यूंकि मेरे खिलाफ उनके पास कोई सबूत नहीं था | तब मैंने हेमंत करकरे को श्राप दे दिया था और मुंबई आतंकवादी हमले के 2 माह के बाद ही हेमंत करकरे की मृत्यु हो गई थी |

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