Amit Shah Birthday:
केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का आज जन्मदिन है | वे आज 57 वर्ष के हो गए हैं | इस मौके पर कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी है | शाह के जन्मदिन पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है | गडकरी ने ट्वीट कर बधाई देते हुए लिखा कि ‘केंद्रीय कैबिनेट में मेरे साथी देश के गृहमंत्री अमित शाह जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं | आप स्वस्थ और दीर्घायु रहें, ईश्वर से यही कामना करता हूं |’
वहीं राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्री और हमारे वरिष्ठ सहयोगी अमित शाह को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं | वह सुरक्षित भारत सुनिश्चित करने के लिए जबरदस्त प्रयास कर रहे हैं | लोगों की सेवा में उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं |
वहीं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘भारतीय राजनीति में कर्मठता, जीवटता एवं प्रतिबद्धता के आदर्श मानक, राष्ट्रवादी चेतना के प्रबल संवाहक, यशस्वी गृह व सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुयशपूर्ण व सुदीर्घ जीवन की कामना है।’
अमित शाह कौन हैं:-
अमित शाह का ताल्लुक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से है और वो इस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं | शाह के दम पर बीजेपी ने कई ऐसे राज्यों में चुनाव जीते हैं, जहां पर इस पार्टी की पकड़ बिलकुल मजबूत नहीं थी | शाह भारतीय राजनीति से कई सालों से जुड़े हुए हैं और आज वो अपनी पार्टी में जिस पद पर पहुंचे हैं | उस पद तक पहुंचने के लिए शाह ने खूब मेहनत की है |
56 वर्षीय शाह को राज्य दर राज्य बीजेपी की सफलता गाथा लिखने का सूत्रधार माना जाता है | जुलाई 2014 में बीजेपी अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद बीजेपी के विस्तार के लिए उन्होंने पूरे देश का दौरा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को जागृत करने का काम किया | शाह को कार्यकर्ताओं की अच्छी परख है और वह संगठन व प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी हैं | 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह को नरेंद्र मोदी की नई सरकार में अमित शाह को गृह राज्य मंत्री का कार्यभार दिया गया है |
अमित शाह का जन्म और शिक्षा:-
शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में एक व्यापारी के घर हुआ था | वे गुजरात के एक रईस परिवार से ताल्लुक रखते है | मेहसाणा में शुरुआती पढ़ाई के बाद बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए वे अहमदाबाद आए, जहां से उन्होने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी की, उसके बाद अपने पिता का बिजनेस संभालने में जुट गए | राजनीति में आने से पहले वे मनसा में प्लास्टिक के पाइप का पारिवारिक बिजनेस संभालते थे | वे बहुत कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे | 1982 में उनके अपने कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाक़ात नरेंद्र मोदी से हुयी | 1983 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और इस तरह उनका छात्र जीवन में राजनीतिक रुझान बना |
अमित शाह के राजनीति करियर की शुरुआत:-
साल 1983 में आरएसएस से जुड़े:
अमित शाह ने अपने कॉलेज के दिनों में ही राजनीति में आने का फैसला ले लिया था और साल 1983 में ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे | वहीं RSS से जुड़ने के बाद साल 1986 में ये बीजेपी पार्टी में शामिल हो गए और इन्होंने पार्टी के लिए प्रचार का कार्य करना शुरू कर दिया | इनको साल 1997 में पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था | जिसके बाद इन्होंने गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और इन्हें इस चुनाव में जीत मिली | फिर इन्होंने इसी सीट से लगातार तीन बारी और चुनाव लड़ अपनी जीत दर्ज करवाई |
साल 2002 में मिला मंत्री पद:
गुजरात के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी पार्टी को जीत मिली, तो पार्टी ने शाह को राज्य के कई मंत्री पदों की जिम्मेदारी दे दी | जिस वक्त शाह को ये मंत्री पद दिए गए थे, तो उस वक्त प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी इस राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे | इतना ही नहीं साल 2000 में शाह की नियुक्ती अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष के तौर पर भी की गई थी और वो अपने राज्य के चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं |
साल 2014 में किया मोदी के लिए प्रचार:
एक ही राज्य से ताल्लुक रखने वाले शाह और मोदी जी एक दूसरे को लंबे समय से जानते थे | वहीं साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में शाह ने अपनी पार्टी और मोदी जी के लिए प्रचार का कार्य किया था और इन चुनावों में अपनी पार्टी को शानदार जीत दिलवाई थी | इसके अलावा इन्होंने पार्टी के अन्य नेताओं के लिए भी प्रचार का कार्य किया था | साल 1991 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान इन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के लिए भी चुनाव जीतने की रणनीति तैयार की थी |
साल 2014 में बनें बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष:
अमित शाह ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को विजय बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी | वहीं उसी साल यानी 2014 में इन्हें पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी गई थी | जिसके बाद इनकी अध्यक्षता में पार्टी ने कई राज्यों में चुनाव जीते और साल 2016 में एक बार फिर इनको दोबारा से इस पद के लिए चुन लिया गया था | परन्तु 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार के नए कैबिनेट मिनिस्टर में अमित शाह को गृह राज्य मंत्री (Minister of Home Affairs) बनाया गया है |
साल 2017 में बनें राज्यसभा के सदस्य:
साल 2017 में इन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की और से राज्यसभा में भेजा गया था और इस वक्त ये राज्यसभा के सदस्य भी हैं | इन्हें गुजरात राज्य की सीट से राज्यसभा भेजा गया है |
2019 लोक सभा चुनाव में अमित शाह का रोल:-
मोदी जी के दायां हाथ कहे जाने वाले अमित शाह जी ने सन 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ा था, जिसमे उन्होंने कांग्रेस पार्टी के डॉ. सी. जे. चावड़ा को पीछे छोड़ते हुए 5 लाख से भी अधिक वोट्स के मार्जिन से जीत हासिल की | जिसके चलते उन्होंने लाल कृष्ण अडवाणी के 4.83 लाख वोट्स का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया | इस चुनाव में मुख्य रूप से मुकाबला बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह एवं कांग्रेस के डॉ. सी. जे. चावड़ा के बीच था | जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जी ने जीत हासिल की | चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक अमित शाह जी ने 69.7 % वोट्स प्राप्त किये | यानि इसमें अमित शाह जी को लगभग 8,80,000 वोट्स हासिल हुए हैं |
2014 के लोकसभा चुनाव की तरह ही, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अमित शाह जी ने बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी | बीजेपी का चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह जी की मेहनत के चलते ही नरेन्द्र मोदी जी को 303 सीट्स के साथ, पुरे देश से पूर्ण बहुमत मिला है | मोदी जी और अमित शाह की जोड़ी एक बार फिर हिट हो गई, और भारत देश में मोदी लहर की क्रांति आ गई |
काफी सारी रैलियां की थी, जिसमे उन्होंने जनता को यह विश्वास दिलाया कि मोदी जी एवं उनकी सरकार ही देश के विकास को आगे बढ़ा सकती हैं | और इस विश्वास के चलते ही चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सफलता हासिल की और गृह राज्य मंत्री का पद हासिल किया |
अमित शाह द्वारा 2019 में लिए गए बड़े फैसले:-
- जम्मू काश्मीर में धारा 370 ख़त्म करने का फैसला – जम्मू कश्मीर को दबाए रखने और वहां के बढ़ते हुए आतंक रोकने के लिए उन्होंने जम्मू कश्मीर में 35 ए का उन्मूलन किया और उन्होंने धारा 370 खत्म कर दी जिसके बाद जम्मू-कश्मीर का मुख्य हिस्सा भारत में जोड़ लिया गया | धारा खत्म होने के बाद वहां पर नए नियम बनाए गए और नए नियमों के अनुसार भारत में 1 राज्य और शामिल किया गया जिसके बाद जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को भी अलग कर दिया गया | यह महत्वपूर्ण काम देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अंजाम दिया गया |
- NRC का मुद्दा – देश को एक सबसे बड़ा झटका दिया लेकिन देश में से आतंकवाद और गैर कानूनी अपराध को कम करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया जिसे NRC का नाम दिया गया | जिसके तहत उन्होंने देश से कुछ ऐसे बांग्लादेशियों को बाहर निकालने की बात कही जो देश में अनाधिकृत रूप से कई सालों से रहते आए हैं और रह रहे हैं | जिसके लिए उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए असम में रहने वाले लोगों की नागरिकता की जांच पड़ताल की ताकि विदेशियों को पहचान कर उन्हें वापस उनके देश पहुंचाया जा सके |
- नक्सलवादी का मुद्दा – भारत में कुछ राज्य ऐसे थे जहां पर नक्सलवाद को लेकर भारतीय नागरिक बेहद परेशान थे जिनमें से एक छत्तीसगढ़ में हुआ एक बहुत बड़ा धमाका था जो नक्सलवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था | जिसके बाद अमित शाह ने नक्सलवादियों का उन्मूलन करके भारत से उन्हें खदेड़ कर रख दिया | उन्होंने नक्सलवादियों को यही संदेश दिया कि यदि वे देश में रहना चाहते हैं और सरकार से बचना चाहते हैं तो वे अपने हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण भी कर सकते हैं ताकि हम उन्हें कुछ भी नहीं कहेंगे और उन्हें देश का नागरिक बना कर रखेंगे उन्होंने ऐसी रणनीति बनाई जिस पर अमल करना नक्सलवादियों के लिए महत्वपूर्ण हो गया |
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