15 जनवरी 2020 – 72वां भारतीय सेना दिवस | जानें भारतीय थलसेना दिवस का इतिहास|

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Indian Army Day 2022
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Indian Army Day 2020 भारतीय सेना दिवस:-

Indian Army Day 2020– हर वर्ष 15 जनवरी को पूरे उत्साह के साथ भारत में सैनिक दिवस मनाया जाता है | इसकी शुरुआत भारत के लेफ्टीनेंट जनरल के.एम. करियप्पा को सम्मान देने के लिये हुई जो भारत के पहले प्रधान सेनापति थे | कई दूसरे मिलिट्री प्रदर्शनी सहित सैनिक परेड आयोजन के द्वारा राष्ट्रीय राजधानी और सभी सैनिक नियंत्रण हेड-क्वार्टर में हर साल इसे मनाया जाता है | 15 जनवरी 2020 बुधवार को सेना दिवस मनाया जायेगा | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 72वां भारतीय सेना दिवस के रुप में इसे मनाया जायेगा |

भारतीय सेना की उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुई थी, जिसे बाद में ‘ब्रिटिश इंडियन आर्मी’ के रूप में जाना जाता था और अंततः स्वतंत्रता के बाद इसे राष्ट्रीय सेना के रूप में जाना जाता है | भारतीय सेना की स्थापना लगभग 123 साल पहले अंग्रेजों ने 1 अप्रैल 1895 को की थी | भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल को हुई थी, लेकिन भारत में सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है |

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सेना दिवस क्यों मनाया जाता है:- Indian Army Day 2020

लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली | भारतीय स्वतंत्रता के समय देश सांप्रदायिक दंगों का सामना कर रहा था | जहाँ कुछ शरणार्थी पाकिस्तान से आ रहे थे तो वहीँ कुछ लोग पाकिस्तान की ओर पलायन कर रहे थे |

इस प्रकार के अराजक माहौल के कारण कई प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न होने लगीं तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा ताकि विभाजन के दौरान शांति सुनिश्चित की जा सके | भारतीय स्वतंत्रता के समय भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी |

Indian Army Day 2020

अंग्रेजो के अनुसार भारतीयों के हाथों में देश का पूर्ण नियंत्रण सौंपने का यह सही समय था; इसलिए फील्ड मार्शल के एम करियप्पा को 15 जनवरी 1949 को स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख के रूप में चुना गया | चूंकि यह अवसर भारतीय सेना के लिए बहुत उल्लेखनीय था, इसलिए भारत में हर साल इस भव्य दिवस को सेना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था और तब से यह परंपरा जारी है |

इसलिए 15 जनवरी को एक भारतीय नागरिक के हाथों में सेना की शक्ति का हस्तांतरण देश में सेना दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है | यह हर साल सभी सेना कमान मुख्यालय और राष्ट्रीय राजधानी में कई अन्य सैन्य शो सहित सेना की परेड आयोजित करके मनाया जाता है | इस दिन, उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी दी जाती है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा और राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया है |

सेना दिवस समारोह :-

देश की सीमाओं की चौकसी करने वाली भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास रहा है | देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है | इस दिन सेना प्रमुख दुश्मनों को मुँहतोड़ जवाब देने वाले जवानों और जंग के दौरान देश के लिए बलिदान करने वाले शहीदों की विधवाओं को सेना मैडल और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं |

जम्मू और कश्मीर में सेना दिवस उत्सव पर सेना में कर्मचारी होने पर बहादुरी और प्रसिद्ध सेवा पुरस्कार (सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल) प्राप्त करते हैं। हिम्मती और निडर भारतीय सैनिकों को याद करने के लिये ये दिन मनाया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा के दौरान अपना जीवन कुर्बान कर दिया |

हर वर्ष जनवरी में ‘थल सेना सेना’ दिवस मनाया जाता है और इस दौरान सेना अपने दम-खम का प्रदर्शन करने के साथ ही उस दिन को पूरी श्रद्धा से याद करती है, जब सीमा पर वर्ष के बारह महीने जमे रह कर भारतीय जवानों ने समस्त देशवासियों के साथ ही साथ देश की रक्षा भी की थी | दिल्ली में आयोजित परेड के दौरान अन्य देशों के सैन्य अथितियों और सैनिकों के परिवारों वालों को बुलाया जाता है |

Indian Army Day 2020– सेना इस दौरान जंग का एक नमूना पेश करती है और अपने प्रतिक्रिया कौशल और रणनीति के बारे में बताती है | इस परेड और हथियारों के प्रदर्शन का उद्देश्य दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराना है | साथ ही देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिये प्रेरित करना भी है | ‘थल सेना दिवस’ पर शाम को सेना प्रमुख चाय पार्टी आयोजित करते हैं, जिसमें तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल होते हैं |

के.एम. करियप्पा के बारे में:-

फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक में हुआ था और उनके पिता कोनदेरा एक राजस्व अधिकारी थे | करियप्पा ने 1947 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया | Sam Manekshaw भारत के पहले फील्ड मार्शल थे, और उन्हें जनवरी 1973 में इस उपाधि से सम्मानित किया गया था | फील्ड मार्शल की उपाधि पाने वाले दूसरे व्यक्ति ‘कोनदेरा एम करियप्पा’ थे, जिन्हें 14 जनवरी 1986 को रैंक दिया गया था |

उम्मीद है कि इस लेख में पढ़ने के बाद, आप समझ गए होंगे कि भारत में सेना दिवस केवल 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है |

Indian Army Day: Wishes, Images and Quotes:

Let’s salute all the heroes who risk their lives for the security and safety of our country. Happy Indian Army Day!

I am proud of the brave Indian soldiers who protect our country and freedom. Happy Indian Army Day!

May this Indian Army Day brings more strength and happiness to our soldiers. Wish you and your family a very happy Indian Army Day!

“Either I will come back after hoisting the Tricolor (Indian flag), or I will come back wrapped in it, but I will be back for sure.” – Captain Vikram Batra. Happy Indian Army Day!

“If death strikes before I prove my blood, I swear I’ll kill Death” –Capt Manoj Kumar Pandey. Happy Indian Army Day!

“There will be no withdrawal without written orders and these orders shall never be issued.” – Field Marshal Sam Manekshaw

“I shall not withdraw an inch but will fight to our last man and our last round.” – Major Somnath Sharma

“Ye dil maange more.” – Captain Vikram Batra

“If a man says he is not afraid of dying, he is either lying or a Gurkha.” – Field Marshal Sam Manekshaw

“I won’t die in an accident or die of any disease I will go down in glory.” – Major Sudhir Walia

“Some goals are so worthy, it’s glorious even to fail.” – Captain Manoj Kumar Pandey

Frequently Asked Questions(FAQs):-

भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत में 15 जनवरी को एक भारतीय अधिकारी, कोडनडेरा एम करियप्पा, अंग्रेजों से भारतीय सेना की कमान संभालने के अवसर को चिह्नित करने के लिए सेना दिवस मना रहा है | यह दिन भारत के वीर जवानों को सलाम करता है | भारत में सेना दिवस दिल्ली में परेड और सैन्य शो और देश भर में सेना मुख्यालयों के साथ मनाया जाता है |

भारतीय सेना का परिचय किसने कराया?

सेना का गठन पहली बार 1942 में राश बिहारी बोस के नेतृत्व में, ब्रिटिश-भारतीय सेना के भारतीय पीओडब्ल्यू द्वारा किया गया था, जिसे जापान ने मलय अभियान में और सिंगापुर में कब्जा कर लिया था |

Army का Full Form क्या है?

एक सेना को एक भूमि बल या एक जमीनी बल के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो मुख्य रूप से भूमि पर लड़ता है। व्यापक अर्थों में, यह किसी राज्य या राष्ट्र की भूमि-आधारित सेवा शाखा, सैन्य शाखा या सशस्त्र सेवा है। हालांकि, हम कह सकते हैं कि Army का Full form, Alert Regular Mobility Young है |

आर्मी की सैलरी कितनी होती है?

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